उत्तर प्रदेश जल विद्युत परियोजना एवं पवन ऊर्जा केंद्र

उत्तर प्रदेश – आज हम इस पोस्ट में आपको उत्तर प्रदेश राज्य की जल परियोजनाओं के बारे में बताएंगे। इन जल विद्युत परियोजनाओं कि संचालन केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की सहायता और योजना के तहत किया जाता है।

उत्तर प्रदेश में जल विद्युत परियोजनाएं कितनी हैं ?

उत्तर प्रदेश राज्य में निम्नलिखित 4 विद्युत परियोजनाएं है

  1. शारदा विद्युत जल परियोजना
  2. हिरन्द परियोजना
  3. माताटीला विद्युत केन्द्र परियोजना
  4. ओबरा विद्युत जल केन्द्र परियोजना

जल विद्युत परियोजनाओं का विस्तार-

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1 शारदा विद्युत जल परियोजना –

शारदा विद्युत जल परियोजना 41,400 किलोवाट बिजली उत्पादन क्षमता की परियोजना है। इस परियोजना का निर्माण शारदा नदी पर बनवासा स्थान पीलीभीत में किया गया है ।

2 हिरन्द परियोजना –

इसकी स्थापना सोनभद्र जिले के पिपरी नामक स्थान पर हिरन्द नदी की गई है। इसकी कुल बिजली उत्पादन क्षमता 300 मेगावाट है। इसके अन्तर्गत 50-50 किलोवाट क्षमता 6 इकाईयां लगाई गई हैं। इस परियोजना के अन्तर्गत मानव निर्मित जलाशय गोविंद बल्लभ पंत सागर है, इस हरिन्द परियोजना को गोविंद बल्लभ पंत विद्युत परियोजना भी कहा जाता है।

3 माताटीला विद्युत केन्द्र परियोजना –

इस परियोजना का निर्माण उत्तर प्रदेश राज्य के झांसी जिले मैं किया गया है। जिसे बेतवा नदी पर मध्य प्रदेश सरकार के सहयोग से किया गया है, जिसकी कुल उत्पादन क्षमता 30.6 मेगावाट है। देवगढ़ से 93 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह जगह लगभग 20 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है।

4 ओबरा जल विद्युत परियोजना –

ओबरा वाराणसी से लगभग 125 किमी की दूरी पर वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर स्थित है। ओबरा जल विद्युत केन्द्र ओबरा नामक स्थान पर रिहन्द नदी पर बनाया गया है, इस जल विद्युत परियोजना की कुल उत्पादन क्षमता 100 मेगावाट है। यह जल के आयतन ( पानी की मात्रा) के दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा बान्ध है।

पवन ऊर्जा केंद्र –

पवन उर्जा केन्द्र परियोजना – केन्द्र सरकार के सहयोग से राज्य के 3 जिलों – चित्रकूट, महोबा तथा गोरखपुर में‌ पवन ऊर्जा हेतु मानिटरिंग स्टेशन बनाएं गए हैं।

उत्तर प्रदेश ‌विद्युत परियोजना से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य –

  • उत्तर प्रदेश में विद्युत उत्पादक निगम लिमिटेड का गठन 4 जनवरी सन् 2000 को किया गया।
  • उत्तर प्रदेश में वैकल्पिक उर्जा विकास संस्थान की स्थापना वर्ष 1983 में उर्जा स्रोत विभाग के अन्तर्गत एक स्वायत्तशासी संस्था के रूप में किया गया।
  • खातिमा शक्ति केन्द्र उत्तर प्रदेश में शारदा नहर पर स्थापित किया गया।
  • विद्युत उत्पादन की दृष्टि से भारत देश में उत्तर प्रदेश का 8वां स्थान है।
  • भारत सरकार के सहयोग से लखनऊ में 300 टन कूड़े कचरे से 5 मेगावाट की एक प्रदर्शन परियोजना की स्थापना मैसर्स एशिया बायोएनर्जी चेन्नई द्वारा की गई।
  • टिहरी जल विद्युत परियोजना से उत्तर प्रदेश को 400 मेगावाट विद्युत मिल रही है।

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