जल प्रदूषण क्या है, गंगा नदी कैसे प्रदूषित हो रही है?

जल प्रदूषण – देश में जनसंख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, परन्तु बढ़ती जनसंख्या के निवास के लिए पेड़ों को काट कर नई नई कालोनियां बनाई जा रही हैं। जिससे आक्सीजन की कमी वर्षा की कमी तथा वायुमंडल पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। चारों ओर गन्दगी का वातावरण होता जा रहा है। शुद्ध भोजन मिलने में असुविधा हो रही है। पृथ्वी का जीवन चक्र शिथिल होता जा रहा है। प्रकृति प्रदूषण का प्रभाव जल पर भी पड़ रहा है, और शुद्ध जल अशुद्धता में परिवर्तित होता जा रहा है। और र आज हम इस पोस्ट में जल प्रदूषण से सम्बंधित चर्चा करेंगे।

जल प्रदूषण –

जल जीवन की मूल आवश्यकता है। जल के बिना पेड़ पौधे भी जीवित नहीं रह सकते हैं। जल को प्रदूषित करने में मनुष्य का स्वयं हाथ है। यदि इस प्रकार का चक्र चलता रहा तो एक दिन मनुष्य स्वयं अपनी मौत का जिम्मेदार रहेगा। इसमें भगवान का कोई दोष नहीं है। शरीर तथा घर की सफाई करना परन्तु अपने आस पास गन्दगी फैलाना जल को प्रदूषित करना बहुत ही खतरनाक हो सकता है।

जल प्रदूषण क्या है ?

यदि किसी मनुष्य को कुछ समय के लिए भोजन न मिले तो वह जीवित रह सकता है। यदि मनुष्य को जल मिले तो उसका जीवित रहना दुर्लभ हो जाएगा। जल का उपयोग हर कार्य में होता है। क्योंकि जल ही जीवन है, जल मे विटामिन पाए जाते हैं। जल को प्रदूषित करना प्रकृति के अतिरिक्त मनुष्य द्वारा गंगा के पवित्र जल पर मल मूत्र करना, कपड़े धोना, मृत मनुष्य तथा जीव जंतुओं का जल प्रवाह करना आदि से जल प्रदूषित होता है। प्रदूषित जल से मनुष्य को पीलिया, ज्वर, दस्त आदि रोग हो सकते हैं। प्रदूषित जल को पीना मृत्यु को आमंत्रित करना है। नदियों गंगा के द्वारा जल हमारे घरों में आता है, परन्तु उस जल को फिल्टर द्वारा या उबालकर शुद्ध करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। जब वाहित मल विषैले रसायन आदि हानिकारक पदार्थ जल में मिल जाते हैं, तो जल प्रदूषित हो जाता है। जल को प्रदूषित करने वाले पदार्थो को जल प्रदूषक कहते हैं।

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जल कैसे प्रदूषित होता है?( How is water polluted ?)

भारत देश की गंगा यमुना नदियां सबसे पवित्र नदियां मानी जाती हैं। इनका उद्भव क्रमशः – गंगा गंगोत्री, यमुना यमुनोत्री से हुआ है। इनका स्वच्छ जल बहता हुआ आता है, उसमें धूल मिट्टी के कण गिरते रहते हैं। देश की अधिकांश जनसंख्या उत्तरी केनै तथा पूर्वी भागों में निवास करती है, क्योंकि यहां मनुष्य के निवास तथा दैनिक आवश्यकताओं और कृषि करने की सुविधा है। उत्तरी तथा पूर्वी भाग सबसे अधिक सम्पन्न है। प्रदूषण स्तर निरन्तर कम होने के स्थान पर बढ़ता जा रहा है। नदियां हमारे शहरों वाले बस्तियों के भाग से होकर जाती हैं। शहरी बस्ती के लोग घरों का कूड़ा करकट इन नदियों मे डाल देते हैं, जिससे शुद्ध जल अशुद्ध हो जाता है। कई स्थानों पर प्रदूषण का स्तर इतना अधिक है कि इसके जल में जीव जीवित नहीं रह पाते हैं, वहां यह नदी निर्जीव हो गई हैं।

बढ़ती हुई जनसंख्या व औद्योगीकरण से जल प्रदूषण –

बढ़ती हुई जनसंख्या व औद्योगीकरण से पहले ही गंगा जैसी महाशक्तिशाली नदी को काफी हानि पहुंचाई है। वे इस नदी में कूड़ा-करकट , फूल पूजा की सामग्री तथा पालिथीन फेंकते हैं।

गंगा नदी – उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में इस नदी का सर्वाधिक प्रदूषित फैलाव है। इस नदी में लोग स्नान करते हैं, कपड़े धोते हैं, मल मूत्र त्यागते हैं। कानपुर की नहीं में जल की मात्रा अपेक्षाकृत कम है, तथा नदी का प्रवाह भी बहुत धीमा है। इसके साथ ही कानपुर में 5000 से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं। इनमें उर्वरक अपमार्जक , चर्म तथा पेंट भी सम्मिलित हैं। ये सभी औद्योगिक क्षेत्र यहां पर चमड़े के जूते चप्पल आदि का काम बहुत बड़ी संख्या में होता है। यहां के लोग बेकार चमड़ा और जानवरों का आंतरिक भाग नदी में फेंक देते हैं, जिससे जल प्रदूषित हो जाता है। कागज के तेल रिफाइडं, तेल आदि में रासायनिक पदार्थ जो अपशिष्ट हो जाते हैं, उनको गंगा में फेंकते हैं। इन रासायनो में आर्सेनिक लवण तथा फ्लोराइड होता है, जो जल को प्रदूषित कर देता है।

The GANGA – image source instagram

अधिनियम सन् 1985 –

इस प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार ने अधिनियम भी बनाए हैं। 1985 में इस नदी को बचाने के लिए एक महात्वाकांक्षी परियोजना आरम्भ की गई जिसे गंगा कार्य परियोजना कहते हैं। इस अधिनियम के अनुसार उधोगों को अपने यहां उत्पन्न अपशिष्ट को जल में प्रवाहित करने से पूर्व उपचारित करना चाहिए, परन्तु प्रायः इन नियमों का पालन नहीं किया जाता है।

अशुद्ध जल से मृदा प्रभावित होती है, जिसके कारण अम्लियता तथा कृमियो की वृध्दि में परिवर्तन हो जाता है। ये सभी रासायन जल में घुलकर खेतों, जलाशय और नदी नालों में पहुंच जाते हैं। ये रासायन भूमि में मिलकर मौन जल को प्रदूषित करते हैं।

आपको जल प्रदूषण और गंगा नदी प्रदूषण से सम्बंधित यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं धन्यवाद।

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