E-Gram swaraj portal, (ई-ग्राम पंचायत कार्य हेतु जानकारी)

E-Gram swaraj portal – आई टी डिजिटल तकनीक का किसी भी संस्था के विकास में बहुत योगदान होता है। इसी क्रम में पंचायती राज मंत्रालय द्वारा वर्ष 2020 में ई-ग्राम स्वराज पोर्टल एप्लिकेशन साफ्टवेयर का शुभारंभ किया गया। यह एप्लीकेशन पंचायतों की कार्यप्रणाली एवं उनके कार्यों को जनमानस तक पहुंचाने का काम करता है।

ई-ग्राम स्वराज एप्लिकेशन वह इसमें प्रधान के कार्य –

ई-ग्राम स्वराज एप्लिकेशन पर जाने के लिए किसी भी ब्राउज़र पर egramswraj.gov.in लिखकर सर्च करें, इसके बाद आप ई-ग्राम स्वराज पोर्टल के होमपेज पर पहुंच जाएंगे। इस पोर्टल पर ग्राम पंचायतों के जो भी कार्य होते हैं, उनकी एकाउंटिंग की जाती है।

इसको मुख्यता 4 भागों में बांटा गया है –

  1. पंचायत की प्रोफाइल
  2. कार्ययोजना / नियोजन
  3. क्रियान्वयन
  4. एकाउंटिंग

इसमें मुख्यता 3 लागिन आइडी हैं – जिसे जिला पंचायत के राज अधिकारी के कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है।

  • एडमिन यूजर अर्थात डीएम यूजर
  • इसमें भुगतान करने से पूर्व किए जाने वाले कार्य होते हैं।
  • मेकर आईडी (ग्राम पंचायत सचिव की आईडी)
  • चेकर आईडी (ग्राम प्रधान की आईडी)

पंचायत प्रोफाइल में –

  • एक पंचायत के सदस्यो/ निर्वाचित सदस्यों की आईडी,
  • पंचायत की भौगौलिक स्थिति,
  • पंचायत क्यों प्रसिद्ध है,
  • पंचायत के प्रधान व सचिव का विवरण – जैसे मोबाइल नंबर व ईमेल आईडी अंकित करें।

प्लानिंग नियोजन में –

प्लानिंग नियोजन में ग्राम पंचायत में बनाई गई जीडीपी को अंकित करें।

  • साफ्टवेयर पर कार्ययोजना में अंकित किए गए कार्य GDP के अनुरूप होना चाहिए।
  • इसके अतिरिक्त कार्यों की लागत भी जीडीपी के अनुरुप होनी चाहिए।
  • ग्राम सभा के जिन कार्यो को जीडीपी के अनुरुप अनुमति हासिल हुई है, सिर्फ उन्हीं कार्यों को जीडीपी पर अंकित किया जाए।
  • रिसोर्स एनवलप- जीडीपी संसाधनों का आंकलन कर वित्तीय संसाधनों को अंकित करती है। 15वां वित्त आयोग, RGAS , अन्योतिष्ट स्थल का निर्माण, जैसी योजनाओं और प्राप्त धनराशि यहां अंकित होती है।

ई-ग्राम स्वराज पोर्टल क्रियान्वयन –

प्लान स्वीकृति होने के बाद सभी कार्य प्रोग्रेस रिपोर्टिंग सेक्सन में आ जाते हैं।

  • जमीनी स्तर पर किए गए कार्यों को अंकित किया जाता है।
  • इसकेे लिए वांक्षित तकनीक वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति होनी चाहिए।
  • उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2018 के शासनादेश जारी कर यह सुनिश्चित किया गया है, कि ग्राम पंचायत 2 लाख रुपए तक के कार्यों की तकनीक स्वीकृति अपने स्तर पर कर सकती है।
  • ग्राम पंचायत सदस्य ध्यान दें कि किसी भी कार्य को टुकड़ों में न तोड़ा जाए।
  • प्रोग्रेस रिपोर्ट में कार्यों का स्टेटस अवश्य अंकित किया जाए, जैसे वह कार्य अभी चल रहा है, या पूरा हो गया है।
  • साफ्टवेयर में यह सुविधा है कि आप कार्यों का स्टेटस बदल भी सकते हैं और किसी कार्य में जो धनराशि अंकित की गई है, वह नए कार्य के लिए पुनः प्लैनिंग सेक्सन में आ जाएगी।
  • प्रोग्रेस रिपोर्टिंग सेक्सन में कार्यों के अनुमोदन के बाद जिओ टैगिंग जरूरी है। पंचायती राज मंत्रालय द्वारा विकसित MAction साफ्टवेयर मोबाइल अप्रोच के अन्तर्गत कार्य के प्रत्येक चरण की जिओ टैगिंग जरूरी है। कार्यों के जिओ टैगिंग के बिना भुगतान सम्भव नहीं हो पाएगा।

एकाउंटिंग –

आनलाइन भुगतान प्रणाली के लिए वित्त मंत्रालय PFMS साफ्टवेयर निर्मित किया गया है। एकाउंटिंग प्रकिया

  • ps.nic.in पोर्टल पर प्रत्येक ग्राम पंचायत की एक लागिन आइडी पासवर्ड है।
  • ग्राम पंचायत की आईडी लागिन करने के बाद my scheme ,के अन्तर्गत Manage scheme में जाएं।
  • सुनिश्चित करें जिस योजना के माध्यम से हमें भुगतान करना है, उसका बैंक अकाउंट नंबर और बैंक आईएफएससी कोड पंजीकृत हो, और बैंक स्टेटस की स्वीकृति हो तभी भुगतान कार्य सम्भव होगा।

मेकर द्वारा ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर आनलाइन व्यय वाउचर अंकित करना –

  • मेकर द्वारा केवल pmfs अनुमोदित एजेंसी को आनलाइन भुगतान किया जा सकता है।
  • आनलाइन पेमेंट हेतु मेकर द्वारा लॉग-इन कर ट्रांजिक्शन पेमेंट वाउचर आनलाइन पेमेंट वाउचर एंड चयनित किया जाएगा।

व्यय वाउचर का विवरण –

मेकर द्वारा निम्न विवरण वाउचर के लिए अंकित किया जाएगा-

  • नेचर आफ‌ पेमेंट एक्सपेंडिचर
  • वर्क आईडी कार्ययोजना की उस कार्य की आईडी जिस पर भुगतान किया जाना है।
  • सम्बंधित योजना का नाम
  • सम्बंधित एकाउंट हेड और वाउचर दिनांक
  • व्यय का विवरण संक्षेप में भुगतान क्यों और किसको किया जाना है।
  • मोड आफ पेमेंट pmfs.
  • एजेंसी का चयन जिसको भुगतान किया जाना है, विवरण दर्ज करने के बाद मेकर द्वारा व्यय वाउचर को फ्रीज किया जाना है।

मेकर द्वारा फंड ट्रांसफर आर्डर F.T.O. निर्गत करना-

  • दैनिक पुस्तिका बन्द करने के बाद मेकर द्वारा फंड ट्रांसफर आर्डर f.t.o. निर्गत किया जाएगा।
  • F.t.o. निर्गत करने हेतु मेकर द्वारा ट्रांजिक्शन वाउचर, ट्रांजिक्शन पेमेंट, वाउचर साइन निर्गत किया जाएगा।
  • प्रत्येक वाउचर पर मेकर द्वारा हस्ताक्षर अंकित किया जाएगा।
  • पंचायत एक दिवस में जितने भी वाउचर साफ्टवेयर में फ्रीज किया गया होगा, उन सभी के सापेक्ष कार्य दिवस पुस्तिका बन्द करने के बाद f.t.o. जनरेटर होगा, एवं मेकर द्वारा उस पर अपनी डी.एस.सी. से हस्ताक्षर किया जाएगा।
  • मेकर के डिजिटल हस्ताक्षर करने के बाद f.t.o. की एक फाइल जिसमें सभी डिजिटल हस्ताक्षर किए गए हों, वह स्वत ही प्रधान को आनलाइन उपलब्ध हो जाएंगे।

चेकर द्वारा फंड ट्रांसफर आर्डर (एफ.टी.ओ.) निर्गत करना-

  • सम्बंधित चेकर द्वारा लॉग-इन कर निम्नानुसार f.t.o. निर्गत करना।
  • चेकर द्वारा एफ.टी.ओ. निर्गत किए जाने हेतु मास्टर इंट्री डी.एस.सी , प्रबंध साइन एफ.टी.ओ. चयनित किया जाएगा।
  • प्रधान द्वारा अनुमोदित होने के पश्चात एफ.टी.ओ स्वत ही pmfs तथा बैंक के अनुमोदन हेतु उपलब्ध हो जाएगी, जिसके पश्चात न्यूनतम दो दिवसों में लाभार्थी के खाते में धनराशि हस्तांक्षरित कर दी जाएगी।
  • यदि किसी कारणवश भुगतान नहीं हो पाता है, तो उसकी जानकारी ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर स्वयं ही उपलब्ध हो जाएगी।

रिपोर्टिंग –

ई-ग्राम स्वराज पोर्टल के होमपेज पर नियोजन, क्रियान्वयन तथा लेखांकन से सम्बंधित रिपोर्ट जैसे- Approval plan, Sector wise report, Chashbook online report, pement, DSC status report, vendor status, Geo tagging, Amount pending, Status of PMFS report इत्यादि को देखा जा सकता है।

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