भारत – हमारे इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका स्वागत है- आज हम इस पोस्ट में आपको भारत देश की भौगौलिक स्थिति के के बारे में जानकारी देंगे, और साथ ही भौगौलिक शब्दावली क्या हैं, इस विषय की भी चर्चा करेंगे।
भारत किस महाद्वीप में स्थित है ?
भारत एशिया महाद्वीप के दक्षिण भाग में स्थित है। यह क्षेत्रफल की दृष्टि से सातवां बड़ा देश है, जबकी जनसंख्या की दृष्टि से विश्व में इसका स्थान चीन के बाद दूसरा है। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र तथा विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
भारत का क्षेत्रफल स्थिति एवं विस्तार –
भारत की मुख्य भूमि का उत्तर दक्षिण विस्तार 8°4 उत्तरी अक्षांश से 37°6 उत्तरी अक्षांश के मध्य तथा पूर्व पश्चिम विस्तार 68°7 पूर्वी देशांतर से 97°25 पूर्वी देशांतर के मध्य है। इसकी उत्तर दक्षिण लम्बाई 3214 किलोमीटर तथा पूर्व पश्चिम की चौड़ाई 2933 किलोमीटर है। भारत का कुल क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किलोमीटर है, जो विश्व का 2.4% है।
भारत के मध्य से कर्क रेखा (23 1/2° उत्तरी अक्षांश रेखा) होकर गुजरती है। तो 82 1/2° पूर्वी देशांतर रेखा भारत को पूर्व पश्चिम दो हिस्सों में विभाजित करती है। इसी रेखा द्वारा भारत का मानक समय निर्धारित होता है। भारत देश का समय ग्रेट ब्रिटेन के समय से 5:30 मिनट आगे है।
भारत उत्तर के हिमालय पर्वत श्रेणियों द्वारा शेष एशिया से पृथक किया जाता है तो दक्षिण में हिन्द महासागर द्वारा इसकी सीमा निर्धारित की जाती है। भारत की समुद्री सीमा 7515 किलोमीटर तथा, स्थलीय सीमा 15200 किलोमीटर है।
भारत में कुल कितने द्वीप हैं –
भारत में कुछ 247 द्वीप हैं जिसमें से 204 बंगाल की खाड़ी में तथा 43 द्वीप अरब सागर में स्थित हैं। अंडमान-निकोबार कार निकोबार, लक्ष्यद्वीप मिनिकोय आदि प्रमुख द्वीप हैं।
भौगौलिक शब्दावलियां –
पखवारा – 15 दिन की अवधि को पखवारा कहते हैं।
परिक्रमा – किसी आकाशीय पिंड की वह स्थिति जिसमें वह अपने केन्द्र बिन्दु के चारों ओर घूमता है।
महाद्वीप – अधिकांशतः स्थल से घिरा विशाल जलीय भाग जैसे – प्रशान्त एवं हिन्द महासागर।
वायुमंडल – पृथ्वी के चारों ओर व्याप्त गैसीय आवरण वायुमंडल कहलाता है।
जैवमंडल – जलमंडल, स्थलमंडल एवं वायुमंडल का स्थल मिलन जहां जीवन पाया जाता है।
भूमध्य रेखा – शून्य अंश अक्षांश रेखा जो पृथ्वी के दो बराबर भागों में बंटती है।
कर्क रेखा- 23 1/2° उत्तरी अक्षांश रेखा जो भारत के मध्य से गुजरती है।
मकर रेखा – 23 1/2° दक्षिणी अक्षांश रेखा जो आस्ट्रेलिया महाद्वीप के मध्य से गुजरती है।
ब्रम्हांड – लाखों मंदाकिनियों से युक्त विशाल अन्तरिक्ष ब्रम्हांड कहलाता है।
मंदाकिनी – लाखों तारामंडल का समूह मंदाकिनी कहलाता है।
ग्रह – वह आकाशीय पिंड जो सूर्य की परिक्रमा लगाते हैं, ग्रह कहलाते हैं, जैसे पृथ्वी एक ग्रह है।
तारामंडल – तारों का समूह तारामंडल कहलाता है।
उपग्रह – वह आकाशीय पिंड जो किसी ग्रह की परिक्रमा करते हैं, उन्हें उपग्रह कहते हैं, जैसे चन्द्रमा पृथ्वी का उपग्रह है।
ग्रहण – वह स्थिति जिसमें हमें सूर्य चन्द्रमा दिखाई नहीं पड़ते हैं, या आंशिक रूप से दिखाई देते हैं।
भावर – शिवालिक श्रेणियों के दक्षिण में स्थित कंकड़ युक्त निपेक्ष जन्म पेटी।
तराई – भावर प्रदेश के दक्षिण में स्थित सूक्ष्म जमाव युक्त मैदानी भाग।
चन्द्र कलंक – पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा की सतह पर पड़ने वाली छाया।
जलवायु– किसी स्थान की दीर्घकालिक मौसमी दशा जलवायु कहलाती है।
मौसम – किसी स्थान की लघु समय की वायुमंडलीय दशा मौसम कहलाती है।
सूर्य ग्रहण – जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चन्द्रमा आ जाता है, तब सूर्य पूर्ण या आंशिक रूप से दिखाई नहीं देता है। यह स्थिति अमावस्या के दिन होती है, जिसे सूर्य ग्रहण कहते हैं।
चन्द्र ग्रहण – जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है, तब चन्द्रमा पूर्ण या आंशिक रूप से दिखाई नहीं देता है, यह स्थिति पूर्णिमा के दिन होती है।
आपको भारत देश की भौगौलिक स्थिति और भौगौलिक शब्दावली से जुड़ी जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट बॉक्स में अपना सुझाव जरूर दें।