मुख्यमंत्री की नियुक्ति – मुख्यमंत्री की नियुक्ति और उसके निर्वाचनके लिए कोई विशेष प्रकिया नहीं है। भारत देश के संविधान अनुच्छेद 164 में कहा गया है, कि मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करेगा। संसदीय व्यवस्था में प्रदेश का राज्यपाल राज्य विधानसभा में बहुमत प्राप्त दल के नेता को ही मुख्यमंत्री नियुक्त करता है। सामान्यतः मुख्यमंत्री एवं मंत्रिपरिषद का कार्य का 5 वर्ष का होता है।
कई बार किसी दल को स्पष्ट बहुमत न प्राप्त हों तो राज्यपाल मुख्यमंत्री की नियुक्ति में अपने विवेकाधिकार को शामिल कर सकता है।
मुख्यमंत्री नियुक्त करने की प्रक्रिया-
भारत देश के संविधान में कोई ऐसी व्यवस्था नहीं है, कि मुख्यमंत्री नियुक्त होने से पूर्व कोई भी व्यक्ति बहुत सिद्ध करे, राज्यपाल को बतौर मुख्यमंत्री नियुक्त करना होगा, फिर एक उचित समय के भीतर बहुमत सिद्ध करने को कहना होगा इस समय के दौरान व्यक्ति को मुख्यमंत्री पद के लिए निर्वाचित होना पड़ेगा, ऐसा न होने पर उसका मुख्यमंत्री पद समाप्त हो जाएगा। संविधान के अनुसार मुख्यमंत्री को विधानमंडल के दो सदनों में से किसी एक का सदस्य होना जरूरी है।
मुख्यमंत्री के कार्य एवं शक्तियां-
राज्यपाल द्वारा निर्वाचित मुख्यमंत्री को निम्नलिखित कार्य एवं शक्तियां प्राप्त हैं।
मंत्रिपरिषद के सम्बन्ध में कार्य एवं शक्तियां-
राज्यपाल उन्ही लोगों को मंत्रि नियुक्ति करता है, जिनकी संतुति मुख्यमंत्री ने की हो। मुख्यमंत्री मंत्रियों के विभागों का वितरण एवं फेरबदल करता है, साथ ही मतभेद होने पर वह किसी भी मंत्री से त्यागपत्र के लिए भी कह सकता है। मुख्यमंत्री मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता करके फैसलों को प्रस्तावित करता है, व सभी मंत्रियों के क्रिया कलापों में सहयोग नियंत्रण व मार्गदर्शन देता है।
राज्यपाल के सम्बन्ध में –
राज्यपाल एवं मंत्रिपरिषद के बीच संचार का वह प्रमुख तन्त्र है, वह महत्वपूर्ण अधिकारों जैसे महाधिवक्ता, राज्य सिविल सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों आदि की नियुक्ति के सम्बन्ध में राज्यपाल को सलाह देता है।
राज्य के विधानमंडल के सम्बन्ध में –
मुख्यमंत्री राज्यपाल को विधानसभा सत्र बुलाने एवं उसे स्थगित करने के सम्बन्ध में सलाह देता है। व राज्यपाल से किसी भी समय विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर सकता है, साथ ही वह सदन पटल किसी भी समय सरकारी नीतियों और योजनाओं की घोषणा कर सकता है।
मुख्यमंत्री की अन्य शक्तियां एवं कार्य-
इन सभी कार्य एवं शक्तियों के अलावा मुख्यमंत्री निम्नलिखित कार्य करने के साथ-साथ शक्तियों का भी इस्तेमाल कर सकता है।
1- मुख्यमंत्री राज्य योजना बोर्ड का सबसे बड़ा अध्यक्ष होता है, वह सम्बंधित क्षेत्रीय परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य करता है।
2- एक समय में एक कार्य काल का एक वर्ष होता है।
3- वह अंतर्जातीय परिषद और और राष्ट्रीय विकास परिषद का सदस्य होता है, और साथ ही मुख्यमंत्री राज्य सरकार का मुख्य प्रवक्ता होता है।
मुख्यमंत्री का कर्तव्य-
मुख्यमंत्री राज्य मामलों में प्रशासनिक फैसलों से सम्बंधित विधान परिषद के निर्णयों की हर एक जानकारी प्रदेश के राज्यपाल को देखा। मुख्यमंत्री को प्रशासन के सम्बन्ध में जानकारी लेने के लिए राज्यपाल उसे आंमत्रित कर सकता है।